
पटना, 3 दिसंबर . बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में पांच दिसंबर से सेंटर फॉर रीडरशिप डेवलपमेंट (सीआरडी) द्वारा आयोजित पटना पुस्तक मेला लगने वाला है. 16 दिसंबर तक चलने वाले इस पुस्तक मेले का उद्घाटन बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी करेंगे. पटना पुस्तक मेला के लिए गांधी मैदान सजधज कर तैयार हो रहा है.
सीआरडी पटना पुस्तक मेला इस बार वैश्विक घटना का साक्षी बनने जा रहा है. रत्नेश्वर कृत दुनिया का सबसे महंगा ग्रंथ ‘मैं’ की प्रदर्शनी लगने वाली है. पटना पुस्तक मेला में रामगुलाम चौक, गांधी मैदान के 10 नंबर गेट से प्रवेश होगा. इस बार भी पटना पुस्तक मेला में तीन गेट से प्रवेश करने की सुविधा रहेगी. तीनों गेट पर टिकट काउंटर भी होगा. ड्रेस में स्कूल के बच्चों की एंट्री फ्री होगी.
सोमवार से शुक्रवार तक कॉलेज के विद्यार्थियों को एंट्री के लिए फ्री टिकट दिया जाएगा. पटना पुस्तक मेले के संयोजक अमित झा ने बुधवार को बताया कि एक्टिविटी जोन चर्चित शायर कासिम खुर्शीद के नाम पर रखा गया है. इस बार स्थलों और भवनों का नाम हमारे आचार्यों के नाम पर होगा.
पटना पुस्तक मेले के तीन मुख्य द्वार के नाम अगस्त्य मुख्य द्वार, विश्वामित्र मुख्य द्वार, और चरक मुख्य द्वार रखे गए हैं, जबकि स्थलों के धन्वंतरि प्रशासनिक भवन, व्यास मंच, कश्यप मंच, माधव कला दीर्घा, सिनेमा उनेमा का भृगु हॉल, और आओ आओ नाटक देखो का नाम आचार्य सुश्रुत रखा गया है. सीआरडी पटना पुस्तक मेले के अध्यक्ष एवं चर्चित साहित्यकार रत्नेश्वर ने बताया कि पिछली बार से भी अधिक इस बार पटना पुस्तक मेले में लगभग तीन सौ नए कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे.
तेरी मेरी प्रेम कहानी, मुशायरा, कवि सम्मेलन, ज्ञान और गुरुकुल, संपादक से संवाद, किताब के शब्द उच्चरित हुए, युवा स्वर, स्वास्थ्य-संवाद, सिनेमा-उनेमा, कला दीर्घा, जनसंवाद, आओ आओ नाटक देखो, कैंपस, स्कूल उत्सव, हमारे हीरो आदि प्रमुख कार्यक्रम होंगे.
इस बार सीआरडी पटना पुस्तक मेले में 200 स्टॉल होंगे. इनमें प्रभात प्रकाशन, राजकमल प्रकाशन, वाणी प्रकाशन, भारतीय ज्ञानपीठ, उपकार प्रकाशन, प्रकाशन संस्थान, दिनकर पुस्तकालय, सेतु प्रकाशन, सम्यक प्रकाशन, ओसवाल बुक्स एंड लर्निंग, ओसवाल प्रिंटर्स, खन्ना पब्लिशर्स, मंजुल प्रकाशन, दिव्यांश पब्लिकेशंस, हिंद युग्म, साहित्य अकादमी, बहाई, जनचेतना, अहमदिया मुस्लिम जमात, उपहार, एनसीपीयूएल आदि प्रकाशक भाग लेंगे.
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एमएनपी/डीकेपी