
रांची, 3 दिसंबर . झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन छह दिनों के दिल्ली प्रवास को लेकर राज्य में सियासी कयासों का सिलसिला तेज है. चर्चा है कि दिल्ली में इस दंपती की भाजपा के कुछ शीर्ष नेताओं से मुलाकात हुई है और इसे लेकर राज्य में नई सियासी समीकरणों के विकास की संभावनाएं व्यक्त की जा रही हैं.
सीएम हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन बुधवार शाम रांची लौटे. वे एयरपोर्ट के वीवीआईपी गेट से बाहर निकले और बिना मीडिया से बातचीत किए सीधे कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास पहुंचे. झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के दिल्ली प्रवास को प्रशासनिक और व्यक्तिगत दौरा बताया है, लेकिन सरकार या राज्य प्रशासन की ओर से इस संबंध में कोई औपचारिक या आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है.
ऐसे में उनके इस लंबे दिल्ली प्रवास को आधार बनाकर इंटरनेट और सोशल मीडिया पर राज्य के सत्ता समीकरणों में तब्दीली को लेकर तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं. कई सोशल मीडिया पोस्ट और इंटरनेट मीडिया की खबरों में दावा किया गया कि झारखंड मुक्ति मोर्चा अब राज्य में कांग्रेस के साथ गठबंधन पर विराम लगाना चाहता है और इसी उद्देश्य से सोरेन दंपती की कथित तौर पर भाजपा के बड़े नेताओं से मुलाकात हुई है.
झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ऐसी किसी भी संभावना को खारिज करते हैं. उन्होंने कहा, “गठबंधन को मिला जनमत हमारे लिए सर्वोपरि है. यह सरकार पांच वर्ष नहीं, बीस वर्ष तक चलने की क्षमता रखती है. जो साथी हैं, वही आगे भी साथ रहेंगे.”
झामुमो के पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने भी ऐसे दावों को बताते हुए कहा कि सरकार पूरी तरह स्थिर है और मुख्यमंत्री का दिल्ली दौरा पूरी तरह प्रशासनिक था. उन्होंने कहा, “सीएम जब भी दिल्ली जाते हैं, ऐसी खबरें जानबूझकर फैलाई जाती हैं. यह गठबंधन मजबूत है और आगे भी स्थिर रहेगा.”
इस बीच, राज्य विधानसभा का शीतकालीन सत्र 5 दिसंबर से शुरू होना है. इसकी तैयारी को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 4 दिसंबर को सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है.
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एसएनसी/डीकेपी