
सोलन, 4 दिसंबर . हिमाचल प्रदेश के सोलन शहर के बीचों-बीच स्थित राजकीय प्राइमरी गर्ल्स स्कूल में छात्राओं की संख्या देखकर हर कोई खुश है, लेकिन स्कूल भवन और सुविधाओं की कमी चिंता का विषय बनी हुई है. इस बारे में प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक डॉ. मोहिंदर चंद ने विस्तार से जानकारी दी.
डॉ. चंद ने बताया कि यह स्कूल सोलन का सबसे पुराना और सम्मानित शिक्षण संस्थान है, जहां प्री-प्राइमरी से लेकर पांचवीं कक्षा तक की पढ़ाई होती है. इसके अलावा एलिमेंट्री विंग में भी कक्षाएं चल रही हैं. वर्तमान में स्कूल में करीब 400 से 450 लड़कियां पढ़ती हैं. इन बच्चों को पढ़ाने के लिए 12 जेबीटी शिक्षक तैनात हैं. उन्होंने साफ किया कि नामांकन के हिसाब से शिक्षकों की संख्या पूरी तरह पर्याप्त है और पढ़ाई-लिखाई में कोई दिक्कत नहीं आ रही.
उपनिदेशक ने बताया कि उन्होंने खुद पिछले कुछ महीनों में तीन-चार बार स्कूल का दौरा किया है. हाल ही में हिमाचल सरकार के हेल्पलाइन नंबर 1100 पर भी इस स्कूल से जुड़ी एक शिकायत दर्ज हुई थी. शिकायत मिलते ही उन्होंने उप शिक्षा अधिकारी को मौके पर भेजा. अधिकारी ने वहां जाकर कई छोटी-मोटी समस्याओं का तुरंत निपटारा कर दिया.
सबसे बड़ी परेशानी स्कूल की जगह की बताई जा रही है. डॉ. चंद ने कहा कि स्कूल शहर के बीच में होने की वजह से चारों तरफ इमारतें बन चुकी हैं, जिससे विस्तार के लिए जमीन ही नहीं बची है. नया भवन बनाना या खेल का मैदान बनाने की कोई गुंजाइश नहीं है. शौचालयों की स्थिति को लेकर भी सवाल उठते रहे हैं. हालांकि उपनिदेशक ने कहा कि मौजूदा शौचालयों का रखरखाव ठीक है और उनका सही ढंग से उपयोग हो रहा है. फिर भी अगर बच्चों या अभिभावकों को कोई परेशानी महसूस होती है तो वे दोबारा खुद स्कूल आएंगे और हर समस्या का जल्द समाधान करवाएंगे.
डॉ. मोहिंदर चंद ने अभिभावकों से अपील की कि वे बेझिझक अपनी शिकायतें शिक्षा विभाग तक पहुंचाएं. उनका विभाग बच्चों की बेहतर शिक्षा और सुरक्षित माहौल के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में बजट और जगह की जो भी संभावना बनेगी, स्कूल की सुविधाओं को और बेहतर करने की पूरी कोशिश की जाएगी.
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एसएचके/डीएससी