
नई दिल्ली, 5 दिसंबर . भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन हैदराबाद हाउस पहुंचे और वहां पर अपनी द्विपक्षीय वार्ता शुरू की. बैठक को पीएम मोदी ने संबोधित किया और भारत-रूस संबंधों के बारे में बातचीत की. इस दौरान उन्होंने रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को लेकर अपना पक्ष साफ शब्दों में रखा. पीएम मोदी ने कहा कि भारत का पक्ष बिल्कुल साफ है कि हम शांति के साथ हैं.
पीएम मोदी ने कहा, “कल से डेलिगेशन के लोग अनेक बैठकों में व्यस्त रहे हैं. बहुत सारे नतीजों के साथ ये समिट आगे बढ़ रही है. राष्ट्रपति जी, आपकी ये यात्रा बहुत ही ऐतिहासिक है. 2001 में जब आपने कार्यभार संभाला और पहली बार भारत की यात्रा हुई आज उसे 25 साल हो गए हैं. उस पहली यात्रा में ही रणनीतिक साझेदारी की नींव रखी गई थी. मेरे लिए व्यक्तिगत तौर पर यह खुशी की बात है कि आपके साथ मेरे परिचय और संबंधों को भी 25 साल हो गए. मैं मानता हूं कि 2001 में आपने जो भूमिका अदा की, एक विजनरी नेता कैसे सोचता है, कहां से शुरू करता है और संबंधों को कहां तक पहुंचा सकता है, इसका शानदार उदाहरण भारत और रूस का संबंध है.”
रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर पीएम मोदी ने कहा, “यूक्रेन के संकट के बाद हमारी लगातार चर्चा होती रही है. आपने भी समय-समय पर एक सच्चे मित्र के रूप में हमें सभी चीजों से अवगत कराया. विश्वास बड़ी ताकत है. आपसे मैंने अनेक बार इस विषय की चर्चा भी की है और विश्व की समझ भी मैंने रखी है. विश्व का कल्याण शांति के मार्ग पर ही है. हम सबको मिलकर शांति के मार्ग तलाशने चाहिए.”
पीएम मोदी ने भारत का पक्ष जाहिर करते हुए कहा, “शांति तलाशने के लिए पिछले दिनों से जो प्रयास चल रहे हैं, मुझे भरोसा है कि विश्व फिर से एक बार शांति की दिशा में लौटेगा. पिछले दिनों विश्व समुदाय के जितने भी नेताओं से मेरी बात हुई, मैंने हमेशा कहा है कि भारत न्यूट्रल नहीं है. भारत का जो पक्ष, वही शांति का पक्ष है. हम शांति के हर प्रयासों का समर्थन करते हैं और हम शांति के हर प्रयासों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं.”
उन्होंने कहा, “पूरा विश्व कोविड से लेकर अब तक कई संकटों से गुजरा है. हम उम्मीद करते हैं कि बहुत जल्द विश्व को चिंताओं से मुक्ति मिलेगी और एक सही दिशा में प्रगति की राह पर विश्व समुदायों को एक नई आशा मिलेगी.”
पीएम मोदी बोले, “मुझे पूरा भरोसा है कि आज हम दिनभर अनेक विषयों पर चर्चा करने वाले हैं. भारत और रूस के आर्थिक संबंधों का अधिक विस्तार हो, हम नई ऊंचाइयों को हासिल करें. ऐसे ही आशावादी परिणाम के साथ हम अपनी मीटिंग को आगे बढ़ाएंगे.”
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केके/एएस