भारत व नेपाल की सेना को बादल फटने, भूकंप, नदी की तेज धारा में फंसे लोगों को निकालने का प्रशिक्षण

नई दिल्ली, 5 दिसंबर भारत व नेपाल की सेना ने बादलों के फटने, फ्लैश फ्लड, भूकंप से इमारतों के ढहने व नदी की तेज धारा में फंसे लोगों को निकालने की तकनीक का प्रशिक्षण लिया है.

दोनों सेनाओं द्वारा संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘सूर्य किरण’ को अंजाम दिया जा रहा है. पिछले दो दिनों में दोनों देशों की सेनाओं ने यहां ये अहम उपलब्धियां दर्ज की हैं. अभ्यास के दौरान राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल द्वारा एक विशेष मानवीय सहायता एवं आपदा राहत मॉड्यूल आयोजित किया गया.

इस मॉड्यूल में दोनों देशों की सेनाओं को उन्नत स्तर की आपदा प्रबंधन तकनीकों का प्रशिक्षण दिया गया है. एनडीआरएफ के विशेषज्ञों ने अभ्यास के दौरान कई महत्वपूर्ण व आपदा परिदृश्यों पर आधारित सटीक और वास्तविक जैसी बचाव तकनीकों का प्रदर्शन किया.

इनमें बादलों के फटने या अचानक आने वाली फ्लैश फ्लड से बचाव के उपाय शामिल थे. साथ ही भूकंप से इमारतों के ढहने पर संरचनात्मक खोज एवं बचाव के तरीकों का प्रशिक्षण दिया गया. नदी-रेस्क्यू ऑपरेशन के अंतर्गत तेज धारा में फंसे लोगों को निकालने की तकनीक सिखाई गई. प्राकृतिक आपदाओं जैसी अन्य आपात स्थितियों में त्वरित मदद के तरीके बताए गए.

भारतीय सेना के मुताबिक इन अभ्यासों का उद्देश्य दोनों सेनाओं की संयुक्त संचालन क्षमता को मजबूत करना और वास्तविक संकट की घड़ी में बेहतर समन्वय सुनिश्चित करना था. गौरतलब है कि भारत व नेपाल में मौजूद हिमालयी क्षेत्र उच्च भूकंपीय सक्रियता वाला इलाका है. इस कारण से नेपाल और भारत के सीमावर्ती क्षेत्र अक्सर भूकंप, भूस्खलन और बादल फटने जैसी घटनाओं से प्रभावित होते हैं.

इसके अलावा, दोनों देश कई संवेदनशील नदी बेसिन साझा करते हैं, जिससे अचानक बाढ़ जैसी स्थितियों में संयुक्त रूप से प्रतिक्रिया देना अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है. सहयोग और दोनों देशों की सेनाओं व बचाव टीमों के बीच इंटरऑपरेबिलिटी में वृद्धि होगी. अभ्यास ‘सूर्य किरण’ के इस चरण ने दोनों सेनाओं के बीच इंटरऑपरेबिलिटी, संयुक्त बचाव तंत्र, संकट की स्थिति में सहज और तेज प्रतिक्रिया क्षमता को काफी हद तक मजबूत किया है.

सैन्य अधिकारियों के अनुसार, ऐसे संयुक्त अभ्यास आपदा के समय दोनों देशों की सेनाओं को एक टीम के रूप में काम करने, संसाधनों को साझा करने और बचाव अभियानों को अधिक प्रभावी बनाने में मदद करते हैं. पिछले वर्षों में नेपाल और भारत ने भूकंप, बाढ़ और भूस्खलन जैसी अनेक प्राकृतिक आपदाओं का सामना किया है. इस संदर्भ में ‘सूर्य किरण’ में शामिल मानवीय सहायता व बचाव प्रशिक्षण बेहद महत्वपूर्ण है. दोनों देशों ने इसे भविष्य की संभावित आपदाओं के लिए महत्वपूर्ण तैयारी करार दिया है.

जीसीबी/एएस