
उज्जैन, 5 दिसंबर . मध्य प्रदेश पुलिस की क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार को उज्जैन जिले के चिमनगंज इलाके में छापा मारकर 17.5 लाख रुपए के नकली नोट जब्त किए हैं.
पुलिस ने नकली नोट छापने में शामिल दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि तीसरा आरोपी राजेश बरबाटे फरार है. राजेश बरबाटे इस गैंग का सरगना बताया जा रहा है.
इस खबर की पुष्टि करते हुए उज्जैन के पुलिस अधीक्षक (एसपी) प्रदीप शर्मा ने से बातचीत में बताया कि आरोपियों की पहचान चीनू गौसर और दीपेश चौहान के रूप में हुई है.
उन्होंने बताया कि तीसरे फरार आरोपी को पकड़ने के लिए व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया गया है.
पुलिस अधिकारी ने यह भी बताया कि सूचना के आधार पर उज्जैन पुलिस की क्राइम ब्रांच की एक टीम ने इंदौर में गंगा विहार कॉलोनी में राजेश बरबाटे के घर पर छापा मारा.
पुलिस की तलाशी के दौरान प्रिंटिंग मशीनें, हाई-सिक्योरिटी थ्रेड और अन्य उपकरण बरामद किए गए.
एसपी शर्मा ने बताया कि जांच में पता चला है कि ये तीनों पिछले कुछ सालों से नकली नोट छापने और चलाने में सक्रिय रूप से शामिल थे.
इससे पहले, 2023 में इन तीनों को इंदौर के नीलगंगा और अन्नपूर्णा पुलिस स्टेशनों में नकली नोटों के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था.
एसपी ने आगे कहा कि क्राइम ब्रांच की टीम ने चिमनगंज पुलिस के साथ मिलकर उज्जैन से दो लोगों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से 17.5 लाख रुपए के नकली नोट बरामद किए हैं. उनसे पूछताछ की जा रही है और जांच जारी है.
यह घटना 21 वर्षीय विवेक यादव को 14 नवंबर को भोपाल के करोंद इलाके में अपने किराए के घर से एक परिष्कृति नकली मुद्रा कारोबार चलाने के आरोप में गिरफ्तारी के दो हफ्ते से ज्यादा समय बाद घटित हुई है.
उसके किराए के फ्लैट की तलाशी के दौरान पुलिस ने 2.25 लाख रुपए के नकली नोट, हाई-एंड प्रिंटिंग मशीनरी, खास तरह का कागज, स्याही और नकली नोट बनाने में इस्तेमाल होने वाले अन्य सामान बरामद किए थे.
पुलिस पूछताछ के दौरान, विवेक यादव ने पिछले एक साल में 5-6 लाख रुपए के नकली नोट सर्कुलेट करने की बात कबूल की थी, जो मुख्य रूप से छोटी दुकानों को टारगेट करते थे.
इस बात की जांच जारी है कि वह अकेले काम कर रहा था या किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा था.
पुलिस ने बताया था कि विवेक यादव 10वीं क्लास तक पढ़ाई की है. उसने ऑनलाइन वीडियो देखकर खास किताबें पढ़कर और प्रिंटिंग प्रेस में पिछली नौकरी के अनुभव का इस्तेमाल करके खुद ही हाई-क्वालिटी नकली करेंसी बनाने की कला सीखी थी.
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एएसएच/डीकेपी