
तिरुवनंतपुरम, 4 दिसंबर . तिरुवनंतपुरम की एक अदालत ने गुरुवार को कांग्रेस एमएलए राहुल ममकूटाथिल की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी.
अर्जी खारिज किए जाने के तुरंत बाद विधायक को पार्टी से भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. केरल प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष सनी जोसेफ ने एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी. बयान के अनुसार राहुल को पार्टी से निकाल दिया गया है. इत्तेफाक से, ममकूटाथिल ने पिछले साल इसी दिन एमएलए के तौर पर शपथ ली थी. वो पार्टी टिकट पर पहली बार विधायक बने थे.
उनकी गैर मौजूदगी में ये आदेश दिया गया. विधायक के फरार हुए आठ दिन बीत चुके हैं.
पुलिस उनकी सरगर्मी से तलाश कर रही है. एक युवती ने यौन शोषण और गर्भपात करने का दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी.
वहीं, ममकूटाथिल ने इन आरोपों से इनकार किया है. विधायक ने इसे मनगढ़ंत और राजनीति से प्रेरित बताया है.
हालांकि, बार-बार पुलिस नोटिस के बावजूद सामने न आने पर उनकी काफी आलोचना हो रही है और राजनीतिक विरोधियों ने उन पर सही प्रक्रिया से बचने का आरोप लगाया है.
जांचकर्ताओं के मुताबिक, केस दर्ज होने के तुरंत बाद उन्होंने पलक्कड़ में अपना घर छोड़ दिया और तब से कई बार गाड़ी बदली है, जिससे उन पर नजर रखना मुश्किल हो गया है.
भाजपा और सत्ताधारी एलडीएफ ने कांग्रेस पर उसे बचाने का आरोप लगाया है, हालांकि पार्टी नेतृत्व ने इसे पूरी तरह से खारिज कर दिया है और दावा किया है कि उसने बिना देर किए शिकायत पुलिस को भेज दी थी.
बेल की सुनवाई के दौरान, ममकूटाथिल की लीगल टीम ने तर्क दिया कि शिकायत में मेडिकल और फोरेंसिक सबूत नहीं थे, जिससे यह एक बड़ी राजनीतिक साजिश का हिस्सा लगता है.
अभियोजन पक्ष ने जवाब दिया कि डिजिटल सबूत पाने, कम्युनिकेशन रिकॉर्ड के सत्यापन और बयानों में अंतर को सुलझाने के लिए पुलिस हिरासत में पूछताछ जरूरी है.
कोर्ट ने अभियोजक की बात मान ली और फैसला सुनाया कि अग्रिम जमानत एक असरदार जांच में रुकावट डाल सकती है.
यह घटनाक्रम कांग्रेस की छवि को काफी नुकसान पहुंचा रहा है. कुछ ही महीनों में राज्य में चुनाव होने वाले हैं; ऐसे में विरोधियों को ममकूटाथिल के रूप में बड़ा मुद्दा हाथ लग गया है.
पार्टी के वरिष्ठ रणनीतिकार को निजी तौर पर डर है कि लंबे समय तक चले इस विवाद से उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान हो सकता है, खासकर युवाओं और महिला मतदाताओं के बीच उनकी साख गिर सकती है.
अब पुलिस भगोड़े एमएलए को पकड़ने की जद्दोजहद में है. अधिकारियों ने बताया कि लुकआउट नोटिस और डिजिटल ट्रैकिंग के बढ़े हुए विकल्प पर विचार किया जा रहा है, हालांकि उन्होंने ऑपरेशनल डिटेल्स पर कमेंट करने से मना कर दिया है.
कानूनी जानकारों का कहना है कि कोर्ट के फैसले ने ममकूटाथिल के पास बेहद कम विकल्प छोड़े हैं.
कांग्रेस सांसद और संयोजक अदूर प्रकाश ने मीडिया को बताया कि आदेश आने के तुरंत बाद, प्रदेशाध्यक्ष का आदेश आया जिसे सबने स्वीकार कर लिया, और ममकूटाथिल को पार्टी से निकाल दिया गया.
उन्होंने कहा, “इस्तीफा देना या न देना उनका अधिकार है; हमारा इससे कोई लेना-देना नहीं है.”
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केआर/