
मुंबई, 3 दिसंबर . हिंदी सिनेमा के एक्टर देवानंद ने न सिर्फ पर्दे पर अपनी एक्टिंग और खूबसूरत चेहरे से दर्शकों का दिल जीता, बल्कि अपनी पीढ़ी के युवाओं को एक्टिंग करने के लिए भी प्रेरित किया.
देवानंद अपने समय के फैशन आइकन भी थे. उनके भांजे शेखर कपूर ने दिवंगत मामा को याद करते हुए एक किस्सा शेयर किया और बताया कि किसी भी परिस्थिति में निराश नहीं होना चाहिए.
फिल्म निर्माता और एक्टर शेखर कपूर ने देवानंद और उनकी जिंदगी से जुड़ा एक किस्सा शेयर किया है. उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए बताया कि साल 1974 में देवानंद की फिल्म ‘इश्क इश्क इश्क’ रिलीज हुई थी. इस फिल्म के निर्माता और निर्देशक खुद देवानंद थे. उन्होंने अपनी कमाई का बहुत सारा हिस्सा इस फिल्म में लगा दिया था. रिलीज के समय बहुत फोन आए कि फिल्म बहुत अच्छी है और सभी को पसंद आ रही है. यह सुनकर देवानंद बहुत खुश हुए, लेकिन कुछ ही दिनों में तस्वीर बदल गई. धीरे-धीरे देवानंद के हाव-भाव फीके पड़ने लगे क्योंकि फिल्म को देखने के लिए दर्शक सिनेमाघर नहीं पहुंच रहे थे. फिल्म को बिना पूरे देखे ही दर्शक सिनेमाघर छोड़कर जाने लगे.
शेखर कपूर ने लिखा, “जैसे ही मेरे मामा देवानंद को एहसास हुआ कि उनकी पसंदीदा फिल्म न सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप हुई है, बल्कि उन्होंने अपनी काफी कमाई भी गंवा दी है, तो उन्होंने मुझसे कहा कि फिल्म डिजास्टर है, वह उठे और वाशरूम चले गए. मुझे लगा कि उन्हें कुछ समय के लिए अकेला छोड़ देना चाहिए, लेकिन वाशरूम से निकलते ही उनके चेहरे पर चमक थी, वह नई फिल्म और कहानी के साथ एक बार फिर तैयार थे. अब उनका निधन हो चुका है, लेकिन उन्होंने मुझे जो सबक सिखाया, उसे मैं कभी नहीं भूलूंगा. किसी भी परिस्थिति को खुद पर हावी नहीं होने देना चाहिए.”
फिल्म ‘इश्क इश्क इश्क’ में शेखर कपूर ने छोटा सा रोल प्ले किया था. उनके लिए अपने मामा की फिल्म में काम करना सौभाग्य की बात थी. भले ही फिल्म पर्दे पर पिट गई, लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी.
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पीएस/एबीएम