
नई दिल्ली, 3 दिसंबर . राज्यसभा में आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद राघव चड्ढा ने पंजाब में पानी और प्रदूषण समेत कई मुद्दों को उठाया. इस पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने जवाब दिया और तंज कसते हुए कहा कि यह राज्य का मामला है, लेकिन राघव चड्ढा ने सच कहा है या उनकी मुख्यमंत्री से कोई नाराजगी है.
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव द्वारा अनुच्छेद 252(1) के तहत मणिपुर राज्य में जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) संशोधन अधिनियम, 2024 लागू करने के प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में राघव चड्ढा ने कहा कि पंजाब, जिसने देश को भूख से बचाया और हरित क्रांति की अगुवाई की, आज पानी की गुणवत्ता और मात्रा दोनों के मामले में अस्तित्व के संकट का सामना कर रहा है.
उन्होंने कहा कि हवा गुरु है, पानी पिता है और धरती माता है. पंजाब, जिसे पांच नदियों की भूमि कहा जाता है, आज विषैले पानी और घटते भूजल स्तर के सबसे बड़े खतरे में है.
राघव चड्ढा के उठाए गए मुद्दे पर जवाब देने के लिए भूपेंद्र यादव खड़े हुए और कहा कि मुझे नहीं लगा कि राघव चड्ढा सच कह रहे थे. यह राज्य का मामला है और पंजाब बीमारी दूर करने में भी फेल है, प्रदूषण में भी फेल है, रोकथाम में भी फेल है और राज्य के विषयों को संभालने में भी फेल है.
राघव चड्ढा पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि पता नहीं मुख्यमंत्री से आपकी नाराजगी है या आपने मन की सच्चाई व्यक्त की है. हम जानते हैं कि पंजाब में जमीन प्रदूषण के खतरे को लेकर हमने लगातार नोटिस भेजा है. मेरा मानना है कि पंजाब की यह सबसे बड़ी समस्या है. पंजाब सरकार इस पर काम कर रही है, लेकिन यह सभी की चिंता है.
सांसद राघव चड्ढा के अनुसार, भारत सरकार की 2025 ग्राउंडवॉटर क्वालिटी रिपोर्ट में पाया गया है कि पंजाब में यूरेनियम प्रदूषण सबसे अधिक है. उन्होंने कहा कि पोस्ट मॉनसून नमूनों में 62.5 प्रतिशत भूजल सामान्य स्तर से ऊपर पाया गया. यूरेनियम के साथ-साथ आर्सेनिक, लेड, कैडमियम और क्रोमियम भी डब्ल्यूएचओ मानकों से अधिक हैं.
उन्होंने कहा कि 1 किलोग्राम धान उगाने के लिए 5,000 लीटर पानी लगता है. पंजाब के 117 में से 113 ब्लॉक पूरी तरह ओवर-एक्सप्लॉइटेड हैं. 1970 में जल स्तर 20 फीट था, आज 500 फीट तक पहुंच गया है.
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एएमटी/एबीएम