
नई दिल्ली, 5 दिसंबर . राज्यसभा सदस्य हर्षवर्धन शृंगला ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे के बीच उसके वैश्विक प्रभावों पर बात की. उन्होंने कहा कि यह यात्रा हमारे रूस के साथ स्वतंत्र और विशेष संबंधों का हिस्सा है.
पुतिन की यात्रा को द्विपक्षीय नजरिए से देखने की सलाह देते हुए हर्षवर्धन शृंगला ने कहा, “यह दोनों देशों के नेताओं के बीच सालाना शिखर वार्ता का 23वां समिट है. राष्ट्रपति पुतिन 10वीं बार भारत आ रहे हैं. हमें इस यात्रा से विशेष रूप से आर्थिक सहयोग के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण परिणामों की उम्मीद है. हम दोनों देशों की जनता के हित में सहयोगात्मक ढांचे में काम करना जारी रखेंगे.”
जब यह पूछा गया कि क्या रूसी राष्ट्रपति का भारत दौरा पश्चिमी देशों के लिए कोई संकेत है, तो सांसद हर्षवर्धन शृंगला ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि हम किसी को कोई संकेत देना चाहते हैं. जैसा कि मैंने कहा, यह दौरा रूस के साथ हमारी सालाना बैठक का हिस्सा है. पिछले साल प्रधानमंत्री मोदी रूस गए थे, इसलिए इस साल राष्ट्रपति पुतिन की बारी है.”
उन्होंने कहा कि हम इस समय एक बहुत ही महत्वपूर्ण आर्थिक एजेंडा देख रहे हैं, खासकर अपने एक्सपोर्ट को बढ़ाने और रूस में एक्सपोर्ट की नई लाइनें शुरू करने के बारे में, जिसमें एग्रीकल्चर और एग्रो प्रोडक्ट्स, लाइट इंजीनियरिंग गुड्स और समुद्री प्रोडक्ट्स शामिल हैं.
सांसद हर्षवर्धन शृंगला ने कहा, “एकतरफा प्रतिबंधों के कारण हमारे रूसी क्रूड के आयात में भारी कमी आई है. हमारी कई कंपनियां ‘स्विफ्ट’ सिस्टम से जुड़ी हैं, डॉलर में भुगतान करती हैं और अमेरिका व पश्चिमी देशों में उनका निवेश है. ऐसी स्थिति में वे इन प्रतिबंधों के बीच रूसी तेल आयात का जोखिम नहीं उठाना चाहेंगी. इसलिए इस समय ऊर्जा कोई बड़ा मुद्दा नहीं है और हमारी कंपनियां किसी भी प्रतिबंध का उल्लंघन नहीं करेंगी.”
यूक्रेन-रूस संघर्ष में शांति की भारत की कोशिशों पर शृंगला ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा संवाद और कूटनीति से शांति की वकालत की है. वे इस दिशा में रूस और यूक्रेन दोनों के साथ सक्रिय रूप से प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने दोनों देशों की यात्रा की है.
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि यूरोपीय इस बात से संतुष्ट हो सकते हैं कि भारत हमेशा शांति और दोस्ती के लिए खड़ा रहा है, जो हमारी ‘वसुधैव कुटुंबकम’ का सिद्धांत हैं.
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डीसीएच/वीसी