
नई दिल्ली, 5 दिसंबर . भारत और मलेशिया की सेनाओं ने शुक्रवार से आतंकवाद के खिलाफ एक युद्धाभ्यास शुरू किया है. यहां दोनों सेनाएं काउंटर-टेररिज्म ऑपरेशन्स को अंजाम देंगी. इसके अलावा कॉर्डन एवं सर्च ऑपरेशन किए जाएंगे. भारत व मलेशियाई सैनिक सर्च एंड डेस्ट्रॉय मिशन में शामिल होंगे. हेलीकॉप्टर से दुश्मन के ठिकानों को नष्ट करने के लिए हेलिबोर्न ऑपरेशन का अभ्यास होगा.
इस दौरान आतंकवादियों के ठिकानों पर तीव्र और सटीक कार्रवाई की योजनाएं बनाई जाएंगी. दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग को और सुदृढ़ करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है. दोनों देशों के बीच यह पांचवां संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘एक्सरसाइज हरिमाऊ शक्ति–2025’ है. शुक्रवार को यह अभ्यास राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में प्रारंभ हुआ. यह अभ्यास यहां 18 दिसंबर तक चलेगा.
भारतीय सेना के अनुसार, भारत की ओर से मुख्यत डोगरा रेजिमेंट के सैनिक इस अभ्यास में भाग ले रहे हैं. वहीं, मलेशिया का प्रतिनिधित्व 25वीं बटालियन रॉयल मलेशियन आर्मी के सैनिक कर रहे हैं. दोनों सेनाओं का यह संयुक्त अभ्यास पारस्परिक समझ, प्रशिक्षण तकनीकों के आदान-प्रदान और वास्तविक परिस्थितियों में एक-दूसरे के साथ काम करने की क्षमता को बढ़ाने पर केंद्रित है. इस अभ्यास का मूल लक्ष्य परंपरागत अभियानों का अभ्यास और समन्वय है. साथ ही, काउंटर-टेररिज्म ऑपरेशन्स में सामूहिक प्रतिक्रिया और तालमेल की दक्षता बढ़ाना है.
इस 14 दिवसीय सैन्य अभ्यास में कई बड़े अभियानों और कौशलों का प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसमें विशिष्ट युद्धक प्रशिक्षण भी शामिल है. इस अभ्यास में आर्मी मार्शल आर्ट्स रूटीन, कॉम्बैट रिफ्लेक्स शूटिंग व योग सत्र होंगे. योग सत्र सैनिकों की शारीरिक एवं मानसिक क्षमता बढ़ाने के लिए डिजाइन किए गए हैं. हेलिपैड सुरक्षा और मेडिकल निकासी का अभ्यास भी किया जाएगा. अभ्यास के दौरान सैनिक ऑपरेशन क्षेत्र में हेलिपैड की सुरक्षा व घायल सैनिकों को सुरक्षित निकालने के लिए कैजुअल्टी इवैक्यूएशन सीखेंगे.
वहीं, जवानों को यह भी बताया जाएगा कि चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में तेज और सुरक्षित बचाव प्रक्रियाएं कैसे की जाती हैं. भारतीय सेना के मुताबिक यह प्रशिक्षण संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के मानकों के अनुरूप है जिससे जीवन और संपत्ति के जोखिम को न्यूनतम किया जा सके. यहां दोनों सेनाएं युद्धक कौशल, रणनीतियों और तकनीकों को साझा करेंगी. सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान से संचालन क्षमता को बढ़ाएंगी. जटिल स्थितियों में संयुक्त संचालन की इंटरऑपरेबिलिटी को मजबूत करेंगी. यह संयुक्त अभ्यास भारत और मलेशिया के बीच सैन्य सहयोग, आपसी विश्वास व रक्षा एवं सुरक्षा साझेदारी को एक नई ऊंचाई प्रदान करेगा. साथ ही दोनों देशों के मित्रतापूर्ण संबंधों को और सुदृढ़ करेगा.
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जीसीबी/डीकेपी