
रायपुर, 5 दिसंबर . लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के छत्तीसगढ़ दौरे पर मंत्री रामविचार नेताम ने निशाना साधा है. उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि मैं उनका स्वागत करता हूं. वे आएं और अपने पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों को आलू से सोना बनाने की ट्रेनिंग दें.
छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्री रामविचार नेताम ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “यह बहुत अच्छी बात है कि राहुल गांधी छत्तीसगढ़ आ रहे हैं. हम हमेशा स्वागत करते हैं. राहुल गांधी को अपने कार्यकर्ताओं और अधिकारियों को ट्रेनिंग देनी चाहिए. नेताओं को भी ट्रेनिंग मिलनी चाहिए. इस तरह कांग्रेस की लगातार तरक्की होगी. मैंने हमेशा कहा है कि ऐसी ट्रेनिंग देना बहुत फायदेमंद होगा.”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं को चाहिए कि वे अपने जिलाध्यक्षों को मिर्ची की पैदावार बढ़ाने की ट्रेनिंग दें या फिर आलू डालकर सोना बनाने की कोई नई तकनीक बताएं जिससे फायदा हो सके.
रामविचार नेताम ने कहा कि देश में लगातार कांग्रेस की स्थिति खराब होती जा रही है. कांग्रेस का हाल ऐसा हो गया है कि ट्रेनिंग लेते-लेते उसकी स्थिति बहुमत से घटकर लगभग शून्य की ओर बढ़ रही है.
छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने 41 नए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की है, जिसके बाद अब उन्हें ट्रेनिंग देने के लिए पार्टी नेतृत्व सक्रिय हो गया है. पीसीसी चीफ दीपक बैज ने बीते दिनों बताया था कि जिला अध्यक्षों को ट्रेनिंग देने के लिए लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी आने वाले हैं, लेकिन अभी तारीख तय नहीं हो पाई है. आने वाले दिनों में 10 दिनों का विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा.
धान खरीदी की स्थिति पर मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि इस समय पूरे प्रदेश में धान खरीदी की प्रक्रिया बिना किसी बड़ी रुकावट के सुचारू रूप से चल रही है. किसी भी किसान को अगर कोई परेशानी होती है तो वह सीधा संबंधित आधिकारी से मिल सकता है. किसानों की किसी भी तरह की समस्या को हल करने के लिए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं.
मंत्री नेताम ने कहा कि कुछ स्थानों पर एग्रीस्टेक से जुड़े तकनीकी कारणों की वजह से शिकायतें सामने आई हैं. कई किसानों के बैंक खातों में जानकारी अपडेट न होने के कारण दिक्कतें हुई हैं, लेकिन सरकार ने यह तय किया है कि 15 दिसंबर तक सभी किसान अपने खाते ठीक करा सकेंगे. इसके लिए तहसीलदारों को निर्देशित किया गया है कि वे कैंप लगाकर किसानों की समस्याओं का मौके पर ही निराकरण करें, ताकि किसी को परेशानी न हो.
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एसएके/वीसी