
मुंबई, 3 दिसंबर . अभिनेता शाहिद कपूर ने हाल ही में 15वें इंडियन फिल्म प्रोजेक्ट (आईएफपी) समारोह में शिरकत की थी. इस दौरान उन्होंने करियर और जिंदगी के फैसलों पर खुलकर बातचीत की.
अभिनेता ने बताया कि उन्हें सिनेमा के प्रति प्यार बचपन से था. उन्होंने बताया, “मैं पहली फिल्म मम्मी-पापा के साथ देखने गया था. उस दिन मैंने कॉलेज भी बंक कर दिया था, क्योंकि उस फिल्म के गाने मुझे बहुत पसंद थे. उस जमाने में कॉमर्शियल सिनेमा हमारी जिंदगी का हिस्सा थे. उसी से मुझे लगा कि मैं एक एक्टर इसलिए बनूंगा, ताकि लोगों को वही खुशी और मनोरंजन दे सकूं, जो मुझे बचपन में मिलता था.”
इसी के साथ ही अभिनेता ने करियर के फैसलों पर भी खुलकर बात की. अभिनेता ने कहा, “जब सब पैसों और सेफ्टी की बात करने लगते हैं, तो मैं बगावत की सोचता हूं. मैं हमेशा से एक ऐसा इंसान रहा हूं. अगर सब दाएं जा रहे हैं, तो मैं बाएं चला जाता हूं. हालांकि, कभी-कभी यह गलत भी होता है, लेकिन यही तो जीवन का मजा है. इसमें चुनौती और रिस्क होते हैं. आप मेरा करियर देखिए, जो कुछ ऐसे ही फैसलों से भरा है.”
अभिनेता ने बताया कि उन्होंने जब करियर में सुरक्षित खेलने की कोशिश की, तो उन्हें उसका परिणाम अच्छा नहीं मिला. उन्होंने कहा, “अगर आपका रिस्क बड़ा है, तो हो सकता है कि उसका फायदा भी बड़ा हो.”
उन्होंने कहा, “मेरे लिए सफलता का मतलब सिर्फ बॉक्स ऑफिस में नंबर बढ़ाना नहीं है. बल्कि, नंबर तो आप कैसे भी करके ला सकते हैं. असली बात है कि आप अपने काम से लोगों के बीच कितना सम्मान कमाते हैं. आज की दुनिया बहुत तेज है, सभी को सब कुछ तुरंत चाहिए, लेकिन दर्शक हमें सपोर्ट करते हैं, और हमारी गलतियों को भी समझते हैं, क्योंकि हम सब गलतियां करते हैं.”
उन्होंने क्रिकेटर विराट कोहली का उदाहरण देते हुए समझाया, “मैं हाल ही में क्रिकेट मैच देख रहा था. विराट को देखकर लगता है कि ये लोग असली हीरो हैं, ये सम्मान कमाते हैं, अपनी पहचान बनाते हैं. यही चीज मुझे प्रेरणा देती है.”
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एनएस/एबीएम