हम प्रदूषण की समस्या को भूल जाते हैं : कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा

नई दिल्ली, 3 दिसंबर . कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा.

उन्होंने से बातचीत में कहा कि हर साल प्रदूषण की मार दिल्ली के लोगों को झेलनी पड़ती है. अब तक सरकार की तरफ से इस संबंध में कोई ठोस योजना तैयार नहीं की गई है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हर साल फरवरी का महीना आते ही हम इस गंभीर समस्या को भूल जाते हैं. यह हमारे लिए एक गंभीर संकट का रूप धारण कर चुकी है. सरकार को इस दिशा में यथाशीघ्र कदम बढ़ाना होगा.

कांग्रेस सांसद ने कहा कि हमारी केंद्र सरकार से मांग है कि वो प्रदूषण से प्रभावित सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों का एक समूह बनाए और उसे केंद्र सरकार की तरफ से बाकायदा बजट मुहैया कराया जाए, ताकि आम लोगों को प्रदूषण की मार से निजात मिल सके. आज की तारीख में प्रदूषण एक विकराल समस्या बन चुकी है. लोगों का सांस लेना दूभर हो चुका है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दुनिया के सर्वाधिक 50 प्रदूषित शहरों में से 43 भारत में आते हैं. इन 43 में से 12 शहर हरियाणा से हैं. प्रदूषण की समस्या लंबे समय से बरकरार है. 2017 में हम एक बिल लेकर आए थे. इस बिल के तहत हमने मांग की थी कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक बोर्ड का गठन किया जाए, जिसमें वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए बाकायदा पूरी रूपरेखा तैयार की जाए. लेकिन, सरकार ने इसे अस्वीकार कर दिया.

उन्होंने दावा किया कि वायु प्रदूषण को लेकर सभी राजनीतिक दलों के नेता हमारे साथ हैं. इसमें किसी भी प्रकार का कोई किंतु-परंतु नहीं है. यह किसी राज्य या किसी विशेष राजनीतिक दल से जुड़ा मुद्दा नहीं है, बल्कि देश का मुद्दा है.

कांग्रेस सांसद ने संचार साथी ऐप को लेकर कहा कि मैंने मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से सवाल पूछा. मेरा सीधा सा सवाल था कि ऐप को इंस्टॉल करने की अनिवार्यता व्यक्ति की निजता पर बहुत बड़ा प्रहार है और इस तरह की व्यवस्था को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है. दुनिया के किसी भी देश में ऐप को इंस्टॉल करने की अनिवार्यता नहीं है. ऐप के बारे में कहा जा रहा है कि एक बार इंस्टॉल करने के बाद आप इसे डिलीट कर सकते हैं. लेकिन, मेरा खुद का कंप्यूटर से जुड़ा बैकग्राउंड रहा है और मैं कह सकता हूं कि एक बार जब आप किसी ऐप को मोबाइल में इंस्टॉल कर लेते हैं और इसके बाद अगर आप उसे डिलीट भी कर देते हैं, तो भी आपका पूरा डेटा उसके पास चला जाता है.

एसएचके/एबीएम