प्रकृति का तोहफा: तोप के गोले सा दिखता है नागलिंग का फल, सेवन से मिलते हैं अनगिनत फायदे

नई दिल्ली, 3 दिसंबर . प्रकृति ने ऐसे कई तोहफे महत्वपूर्ण औषधियों के रूप में दिए हैं, जिसके सेवन से स्वस्थ रहा जा सकता है. ऐसे ही एक तोहफे का नाम नागलिंग है, जिसका फल तोप के गोले सा दिखता है.

नागलिंग वृक्ष को आयुर्वेद में किसी वरदान से कम नहीं बताया जाता. वहीं, भारत सरकार का आयुष मंत्रालय नागलिंग को अमृत समान बताते हुए इसके गुणों से अवगत कराता है.

नागलिंग वृक्ष का वैज्ञानिक नाम कौरौपीटा गुआनेन्सिस है. इसे कैननबॉल ट्री के नाम से भी जाना जाता है. इस वृक्ष की सबसे खास पहचान इसके फूल और फल हैं. फूल इतने अनोखे होते हैं कि लगते हैं मानो किसी सांप ने शिवलिंग पर अपना फण फैला रखा हो. इसी खूबसूरती और आकार के कारण इसे ‘नागलिंग’ नाम से जाना जाता है. वहीं इसके फल बिल्कुल तोप के गोले जैसे गोल और भारी होते हैं. फूलों से तेज सुगंध आती है जो दूर तक फैल जाती है.

मंत्रालय के अनुसार नागलिंग वृक्ष प्रकृति की अनुपम देन है. इसके हर हिस्से में औषधीय गुण भरे हैं. पत्ते, छाल, फूल और फल के अर्क में विटामिन-ई, स्टेरोल्स और आवश्यक फैटी एसिड प्रचुर मात्रा में होते हैं. वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटी फंगल, एंटीकैंसर और एंटीमलेरियल गुण मौजूद हैं.

आयुर्वेद में नागलिंग के सेवन के प्रमुख फायदों के बारे में बताया गया है. यह हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है. दर्द और सूजन में राहत देता है. सर्दी-खांसी और पेट दर्द दूर करता है. घाव जल्दी भरता है और त्वचा को स्वस्थ रखता है. यह मलेरिया और दांत दर्द में भी बेहद कारगर है. एंटी-माइक्रोबियल गुणों के कारण यह संक्रमण से बचाता है.

नागलिंग वृक्ष के हर हिस्से को सेहत का खजाना माना जाता है. इसे पारंपरिक दवाओं के तौर पर सदियों से इस्तेमाल किया जा रहा है और आधुनिक रिसर्च भी इसके गुणों की पुष्टि कर रहे हैं.

एमटी/एएस