
नई दिल्ली, 5 दिसंबर . चेहरे की खूबसूरती हर किसी की चाहत होती है, लेकिन जिद्दी डार्क सर्कल्स जाने का नाम ही नहीं लेते हैं. कई लोगों का मानना है कि डार्क सर्कल्स बढ़ती उम्र की निशानी होते हैं, लेकिन डार्क सर्कल्स केवल आंखों की त्वचा की समस्या नहीं हैं, बल्कि शरीर की थकान और असंतुलन का संकेत देते हैं.
शरीर की थकावट का सीधा असर आंखों पर पड़ता है और काले घेरे बनने शुरू हो जाते हैं.
आयुर्वेद में डार्क सर्कल्स को वात और पित्त के असंतुलन से जोड़कर देखा गया है. शरीर में वात और पित्त के असंतुलन, रस धातु की कमी, रक्त की अशुद्धि, पाचन शक्ति का कमजोर होना और अत्याधिक तनाव लेने से आंखों के नीचे काले घेरे बनने शुरू हो जाते हैं. खराब जीवनशैली और गंदा खान-पान भी इसके मुख्य कारण हैं. आयुर्वेद में डार्क सर्कल्स को कम करने के प्रभावी तरीके बताए गए हैं.
डार्क सर्कल्स का सीधा संबंध शरीर के हाइड्रेशन से होता है. डार्क सर्कल्स ना हों इसके लिए पूरे दिन खूब सारा पानी पीएं और शरीर को अंदर से साफ रखें. पेशाब के जरिए शरीर के विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं और शरीर फिल्टर होना शुरू कर देता है. आंखों और चेहरे के निखार के लिए पेट का साफ होना भी जरूरी है. आंतों में फंसी गंदगी शरीर के कई रोगों का कारण बनती है. इसके लिए सुबह खाली पेट आंवला का रस या आंवला चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर गर्म पानी के साथ लें. इससे पेट साफ रहेगा और पूरा चेहरा ही चांद सा चमकने लगेगा.
डार्क सर्कल्स को कम करने के लिए बाहरी उपाय भी जरूरी हैं. इसके लिए मुलेठी, मंजिष्ठा, गुलाब की पत्तियां और मीठे बादाम के तेल को एक साथ गर्म कर लें और इस मिश्रण को छानकर एक शीशी में भर लें. रात के समय सोने से पहले इस तेल से आंखों के आस-पास मसाज करें. मसाज सर्कुलर मोशन में करें. इससे धीरे-धीरे डार्क सर्कल्स कम होने लगेंगे. इसके अलावा रात के समय ही देसी घी में दो बूंद गुलाब जल मिलाकर भी आंखों के आस-पास मसाज की जा सकती है. इससे आंखों की थकान कम होगी, रक्त संचार बढ़ेगा और झुर्रियां भी कम होंगी.
इसके साथ ही पूरी नींद लेना जरूरी है. कम से कम 7 घंटे की नींद जरूरी लें और बेवजह के तनाव से बचें. तनाव की वजह से पेट, मन और मस्तिष्क तीनों बुरी तरीके से प्रभावित होते हैं.
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पीएस/एएस