
नई दिल्ली, 5 दिसंबर . वैश्विक स्तर पर कमोडिटी की कीमतें कम रहने और भारत में खाद्यान्न उत्पादन मजबूत होने के कारण आने वाले कई तिमाही में महंगाई दर कम रहेगी. यह जानकारी अर्थशास्त्री एसपी शर्मा की ओर से दी गई.
समाचार एजेंसी से बातचीत करते हुए अर्थशास्त्री शर्मा ने कहा कि महंगाई कम होकर 0.25 प्रतिशत के स्तर पर बनी हुई है. यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए काफी अच्छी स्थिति है. इससे ग्रोथ को बढ़ाने में मदद मिलेगी.
आरबीआई ने दिसंबर की मौद्रिक नीति में चालू वित्त वर्ष के लिए महंगाई दर के अनुमान को घटाकर 2 प्रतिशत कर दिया है, जो कि पहले 2.6 प्रतिशत था.
इस दौरान आरबीआई गवर्नर ने कहा, “हेडलाइन मुद्रास्फीति में महत्वपूर्ण गिरावट आई है और इसके पिछले अनुमानों से भी नरम रहने की उम्मीद है, जिसका मुख्य कारण खाद्य कीमतों का सौम्य रहना है. इन अनुकूल परिस्थितियों के चलते 2025-26 और 2026-27 की पहली तिमाही के लिए औसत मुद्रास्फीति के अनुमानों को कम कर दिया गया है.”
अर्थशास्त्री ने आगे कहा कि अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 3 प्रतिशत से नीचे बनी हुई है. इससे वैश्विक स्तर पर कमोडिटी की कीमतों में गिरावट बनी रहेगी, जो कि भारत की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा है. इस कारण आने वाली कई तिमाही तक महंगाई कम रहेगी.
आरबीआई ने दिसंबर की मौद्रिक नीति में रेपो रेट को 25 आधार अंक घटाकर 5.25 प्रतिशत कर दिया है.
इससे पहले पीएचडीसीसीआई के सीईओ और सेक्रेटरी जनरल रंजीत मेहता ने समाचार एजेंसी से कहा कि आरबीआई द्वारा रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती से संकेत मिलता है कि मौद्रिक नीति देश की विकास प्राथमिकताओं के साथ जुड़ी है.
रंजीत मेहता ने कहा, “भारत वर्तमान में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनी हुई है. चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत दर्ज की गई और ठीक इसी समय देश की मुद्रास्फीति दर भी नियंत्रित रही. भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह स्थिति बेहद अच्छी स्थिति है.”
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एबीएस/